फिटनेस कैसे बनायें
हमारे शरीर में पानी की आवश्यकता एवं उपयोगिता
सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले खाली पेट पानी पीयें जितना पी सकें 3 ग्लास, 4 गिलास हो सकता है शुरु में उलटी करने सा मन करेगा पर धीरे धीरे सब ठीक हो जायेगा आपको
खली पेट पानी पीने के बाद ही जॉगिंग करने जाना
है मतलब बहुत धीरे-धीरे दौड़ना है
कम से कम 1km फिर कसरत करना है जॉगिंग और कसरत करने से हमारे पुरे शरीर की कोशिकाओं तक ऑक्सीजन पहुँचती है जिससे हमारी त्वचा
स्वस्थ रहती है कहीं भी गंदगी नहीं जम पाती जिससे स्किन रोग नहीं हो पाते।
जब हम कसरत करते हैं तो हमारी बॉडी मैं एनर्जी की जरुरत होती है जो हमारी कोशिका में
उपस्थित माइट्रोकोंड्रिया ग्लूकोज को ऑक्सीजन के साथ ऑक्सीडेशन
क्रिया द्वारा जलाकर पैदा करती है तो गर्मी पैदा होती है और
पुरे शरीर का तापमान
बढ़ने लगता है क्योंकि हमारा पूरा शरीर कोशिका से बना है और हर कोशिका में ये क्रिया होती है तो इस
तापमान को नियंत्रित करने के लिए पानी की जरुरत होती है जो पसीने के रूप में निकलता है, और यदि हमारे शरीर में पानी सही मात्रा में नहीं होगा तो
हमारी कोशिका छतिग्रस्त हो जायेंगीं और हमारे शरीर की मासपेशियों का विकाश होने की वजाय मासपेशियां सिकुड़ने लगेंगीं।
पानी ज्यादा पीने से हमारे
शरीर के टोक्सिन (जहरीले पदार्थ) भी बहार निकलते हैं। और जॉगिंग करने से हमारी बॉडी का इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है।
खाने मैं क्या खायें
दोस्तों हमारा शरीर 6 चीजों से मिलकर बना है (जो नीचे लिखे हुए हैं) और इसलिए हमें इस बात का ध्यान देना बहुत जरुरी है कि हमारे भोजन में ये 6 चीजें हैं या नहीं, इन सभी चीजों का बैलेंस होना बहुत जरुरी है वैसे तो हमारे भोजन में सभी चीजें मिल जाती हैं लेकिन प्रोटीन नहीं मिल पाती ज्यादातर जो लोग शाकाहारी होते हैं वो लोग प्रोटीन की सही पूर्ती नहीं कर पाते तो वो लोग प्रतिदिन दूध पियें, चने खायें पानी में फुला के और भुने हुए, गुड़ के साथ भी, चने में 6 अमीनो एसिड्स होते हैं शाकाहारी भोजन में सबसे ज्यादा और हमें जरुरत होती है पूरे 9 अमीनो एसिड्स की, बाकि 3 में से 2 अमिनो एसिड्स मूँफली में होते हैं इसलिए मूंफली भी खाएं, और बचा 1 वो अलसी में मिल जाता है इसलिए अलसी खायें 1 से 2 चम्मच दिन में 1 बार या दो बार और fibers बाला भोजन लें।
एक साधारण मनुष्य को अपने कुल वजन से दुगना ग्राम में प्रोटीन लेना चाहिए, यदि किसी मनुष्य का वजन 70kg है तो उसे 70gm प्रोटीन की जरुरत होगी। और अगर आप ज्यादा महनत करते हैं या कसरत करते हैं तो आपको इससे दुगना प्रोटीन लेना होगा। और कभी भी प्रोटीन कसरत करने के तुरंत बाद या पहले नहीं लें क्योंकि उस समय शरीर को प्रोटीन को जरुरत नहीं होती उस समय हमारा ब्लड पूरी बॉडी मैं दौड़ रहा होता है और प्रोटीन को पचाने के लिए 70% ब्लड की आवश्यक्ता है।
- कार्बोहाइड्रेट्स (Carbohydrates)
- चर्बी (Fat)
- प्रोटीन (Protein)
- विटामिन (Vitamins)
- खनिज पदार्थ (minerals)
- पानी (Water)
1. कार्बोहाइड्रेट्स (Carbohydrates) - दोस्तों हमें कार्बोहाइड्रेट्स से एनर्जी मिलती है और ये हमें आसानी से मिल जाता है और इसके स्रोत आप भी जानते होंगे जैसे - अनाज, चावल, ब्रैड, आलू, मटर, फलियां, चीनी आदि।
2. चर्बी (Fat) - फैट भी आसानी से मिल जाती है जो हमारे शरीर में कोशिकाओं को बनाती है लेकिन फैट भी 2 प्रकार की होती है
1. LDL (low density lipoprotein)
2. HDL (High density lipoprotein)
1. LDL (low density lipoprotein)
2. HDL (High density lipoprotein)
- LDL (low density lipoprotein) जिसे बैड कोलेस्ट्रॉल कहते हैं जो हमारा शरीर बाहर से लेता है मतलब जो हम खाना खाते हैं उससे, लेकिन कुछ ऐसे भी भोजन हैं जिसमे HDL(High density lipoprotein) पाया जाता है जैसे अंडे में HDL पाया जाता है LDL कोलेस्ट्रॉल हमारे लिए किसी काम का नहीं होता है ये हमारे शरीर में जम जाता है और नसों में रक्त संचार को धीमा कर देता है शरीर में थकावट महसूस होने लगती पसीना ज्यादा आने लगता है हमारे शरीर की रोगप्रतिरोधक् छमता कम हो जाती है।
- HDL (High density lipoprotein) इसे Good Cholesterol कहते हैं 70% ये हमारे शरीर में लिवर में बनता है बाकि 30% भोजन से लिया जाता है जब हमारे शरीर में एनर्जी की जरुरत होती है तो हमारा लिवर बॉडी से HDL कोलेस्ट्रॉल को वापस लिवर में ला के एनर्जी में बदल देता है इसलिए हमें HDL कोलेस्ट्रॉल बाला भोजन लेना चाहिए।
3. प्रोटीन (Protein)- हमारे शरीर को कार्बोहाइड्रेट्स, फैट के आलावा प्रोटीन की भी बहुत आवशयकता होती है। प्रोटीन हमारे शरीर के विकाश के लिए बहुत ही आवशयक है, हमारे शरीर के हर हिस्से में जैसे बाल, मांसपेशिओं, त्वचा, खून और नाखून मैं प्रोटीन होता है। और यह प्रोटीन कुछ हैप्पी हॉर्मोन्स का भी निर्माण करती है जो हमें खुसी का अहसास कराते है, हमारे गम को भी कम करते हैं, दर्द को भी काम करते हैं। तनाव को कम करते हैं चिंता को दूर करते हैं, और हर समय खुसी का अहसास होता रहता है, मस्ती करने का मन करता है, नींद अछी आती है यही होर्मोनेस बच्चों मैं ज्यादा होते हैं इसलिए बूढ़े लोगों की अपेक्षा बचे प्रक्रति को ज्यादा अच्छे से महसूस कर पाते हैं और खुस रहते हैं। हॉर्मोन्स को बैलेंस करने के बहुत से तरीके हैं। इन होर्मोनेस के बारे में मैं एक पेज अलग से लिख दूंगा।
3. प्रोटीन (Protein)- हमारे शरीर को कार्बोहाइड्रेट्स, फैट के आलावा प्रोटीन की भी बहुत आवशयकता होती है। प्रोटीन हमारे शरीर के विकाश के लिए बहुत ही आवशयक है, हमारे शरीर के हर हिस्से में जैसे बाल, मांसपेशिओं, त्वचा, खून और नाखून मैं प्रोटीन होता है। और यह प्रोटीन कुछ हैप्पी हॉर्मोन्स का भी निर्माण करती है जो हमें खुसी का अहसास कराते है, हमारे गम को भी कम करते हैं, दर्द को भी काम करते हैं। तनाव को कम करते हैं चिंता को दूर करते हैं, और हर समय खुसी का अहसास होता रहता है, मस्ती करने का मन करता है, नींद अछी आती है यही होर्मोनेस बच्चों मैं ज्यादा होते हैं इसलिए बूढ़े लोगों की अपेक्षा बचे प्रक्रति को ज्यादा अच्छे से महसूस कर पाते हैं और खुस रहते हैं। हॉर्मोन्स को बैलेंस करने के बहुत से तरीके हैं। इन होर्मोनेस के बारे में मैं एक पेज अलग से लिख दूंगा।
प्रोटीन क्या है
प्रोटीन छोटे यौगिको (small compounds) जिन्हें अमीनों एसिड्स (amino acids) कहते है से बना होता है. जब प्रोटीन हमारे शरीर के अन्दर जाकर पच कर टूटते है तब अमीनो एसिड्स बचते है. हमारी प्रकृति में सौ अमीनों एसिड्स मौजूद है लेकिन हमारा मानवीय शरीर उनमे से केवल 22 अमीनो एसिड्स का ही प्रयोग कर सकता है हमारा शरीर इनमे से 9 आवश्यक अमीनो एसिड्स को छोड़ कर सभी amino acids खुद बना सकता है और इन 9 आवश्यक अमीनो एसिड्स को भोजन द्वारा प्राप्त किया जाता है।
प्रोटीन के कार्य और फायदे
प्रोटीन हमारी मांसपेशिओं (muscle) को मजबूती प्रदान करती है और ऊत्तकों (tissues) की मरम्मत करने और मृत कोशिका (dead cells) के स्थान पर नयी कोशिकाओं को बनाने में मदद करती है, थकावट दूर करने, शरीर को ऊर्जा प्रदान करने, बिमारियों से लड़ने, शरीर की वृद्धि और विकास मैं, घावों और चोटों से जल्दी उभरने जैसे कामों मैं मदद करती है।
नोट - भारतीय भोजन में सभी 9 आवशयक एमीनो एसिड्स नहीं पाए जाते। सभी आवशयक एमिनो एसिड्स को प्राप्त करने के लिए 2-3 सब्जियों को लेना पड़ता है जो थोड़ा मुश्किल हो जाता है इसीलिए भारतीय लोगों का शरीर फैटी होता है।
प्रोटीन को पचाने के लिए ज्यादा कैलोरी की आवशयकता होती है और अमेरिका, रूस, इंगलैंड जैसे देशों के भोजन में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है जिससे शरीर में उपस्थित वसा(Fat) कैलोरी मैं परिवर्तित होकर प्रोटीन को पचाने में लग जाती है। जिससे शरीर पर मोटापा नहीं चढ़ता लेकिन प्रोटीन लेने पर किसी-किसी को और भूक लगने लगती है तो वे लोग कुछ समय कण्ट्रोल करें कुछ भी फैटी चीज न खाएं उसकी जगा लायी
चने खा सकते हैं।
प्रोटीन को पचाने के लिए ज्यादा कैलोरी की आवशयकता होती है और अमेरिका, रूस, इंगलैंड जैसे देशों के भोजन में प्रोटीन की मात्रा अधिक होती है जिससे शरीर में उपस्थित वसा(Fat) कैलोरी मैं परिवर्तित होकर प्रोटीन को पचाने में लग जाती है। जिससे शरीर पर मोटापा नहीं चढ़ता लेकिन प्रोटीन लेने पर किसी-किसी को और भूक लगने लगती है तो वे लोग कुछ समय कण्ट्रोल करें कुछ भी फैटी चीज न खाएं उसकी जगा लायी
चने खा सकते हैं।
( पूर्ण और अपूर्ण प्रोटीन )
( COMPLETE OR INCOMPLETE PROTEIN )
जिन प्रोटीन के स्त्रोतों में सभी (essential amino acids) आवश्यक अमीनो एसिड्स मौजूद होते है उन्हें complete protein कहा जाता है
जिन प्रोटीन के स्त्रोतों में केवल कुछ (essential amino acids) आवश्यक अमीनो एसिड्स मौजूद होते है उन्हें incomplete protein कहा जाता है
जिन प्रोटीन के स्त्रोतों में केवल कुछ (essential amino acids) आवश्यक अमीनो एसिड्स मौजूद होते है उन्हें incomplete protein कहा जाता है
Source of complete protein -
प्रोटीन के वो स्त्रोत जिन्हें जानवरो से प्राप्त किया जाता है उनमे complete protein यानि सभी आवश्यक अमीनो एसिड्स पाये जाते है।
जैसे - मीट, अंडे, मछली, समुंद्र से प्राप्त भोजन (seafood), डेरी प्रोडक्ट जैसे दूध दही, चीज इसके अलावा complete protein के स्त्रोतों को कुछ प्लांट्स फूड से भी प्राप्त किया जाता है. इनमे soy protein, अनाज (grains) आदि शामिल है।
जैसे - मीट, अंडे, मछली, समुंद्र से प्राप्त भोजन (seafood), डेरी प्रोडक्ट जैसे दूध दही, चीज इसके अलावा complete protein के स्त्रोतों को कुछ प्लांट्स फूड से भी प्राप्त किया जाता है. इनमे soy protein, अनाज (grains) आदि शामिल है।
Source of Incomplete protein -
इन स्त्रोतों को प्लांट्स फूड से प्राप्त किया जाता है, इनमे ज्यादा अनाज (grains), नट्स (nuts), मटर (pea), बीन्स (beans), चने (chickpeas), बीज (seeds), फलिया (legumes) आदि शामिल है।
Complementary protein -
यह वे प्रोटीन हैं जिन्हें incomplete proteins के स्त्रोतों के साथ लेने से सभी आवश्यक अमीनो एसिड्स
प्राप्त होते है।
उदाहरण – बीज (seeds) and (nuts),
अनाज (grains) और फलिया (legumes),
चावल (brown rice) और बीन्स (beans),
मक्खन (peanut butter) और ब्रेड ( whole grain bread).
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